शनिवार, 30 अप्रैल 2011

पहेली - 2


आप सभी का स्वागत है एक नयी पहेली में,

नीचे दिखाये गये चित्र को ध्यान से देखिये और बताईये कि यह कौन सी जगह का चित्र हैं ?




जवाब देने का अन्तिम समय सोमवार शाम 07.00 बजे तक होगा।

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? उस राज्य का या शहर का नाम को अधूरा जवाब माना जायेगा। अपने जवाब के समर्थन में आप कोई लिंक देना चाहते है तो आप दे सकते है पर उसे आपका जवाब नहीं माना जाएगा जगह का नाम लिखने को ही जवाब माना जाएगा

जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व रोचकता बनाये रखने के लिये ग़लत या सही दोनों ही तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते हैं अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

पहेली के लिए नियम इस प्रकार होंगे _


1- यह पहेली केवल मनोरंजन और थोडे बहुत ज्ञानवर्धन के लिये है। पहेली में आपके सामने एक चित्र होगा जो भारत में कहीं का भी हो सकता है।


2- आपको बताना होगा उस चित्र में दिख रहे स्थान का क्या नाम है और वो कहाँ पर स्तिथ है अर्थात उस राज्य का क्या नाम है। जरूरत होने पर हिंट भी प्रकाशित किया जाएगा।


3- पहेली का प्रकाशन हर शनिवार प्रातः 10.00 बजे किया जाएगा। जवाब देने का अन्तिम समय सोमवार शाम 07.00 बजे तक होगा।


4- पहेली के परिणाम की घोषणा मंगलवार शाम 7.00 बजे की जाएगी।


5- समयसीमा के बाद प्राप्त होने वाले जवाबो को प्रकाशित तो किया जाएगा पर परिणामो मे शामिल नहीं किया जाएगा।


6- आपका जवाब आपको यहां न दिखे तो कृपया परेशान ना हों। है, समयसीमा से पूर्व सही और गलत दोनों तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते है


7- टिप्पणी मॉडरेशन लागू है. समय सीमा से पूर्व रोचकता बनाये रखने के लिये ग़लत या सही दोनों ही तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते हैं.


8- यदि आप दिखाये गए चित्र के विषय मे कोई जानकारी रखते है तो अन्य पाठको से साझा करे


9- किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजक का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा


10-
यदि आप किसी तरह का कोई सुझाव देना चाहते है तो आपका स्वागत है

मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

पहेली - १ (परिणाम) (दिलवाड़ा टेम्पल , माउन्ट आबू , राजस्थान)

ब्लॉग जगत के प्रिय मित्रो आप सबको प्रणाम !

हम आपकी सेवा में हाजिर हैं पहेली - 1 का जवाब लेकर।

पहेली का सही उत्तर है

दिलवाडा टेम्पल , माउन्ट आबू , राजस्थान

दिलवाड़ा मंदिर या देलवाडा मंदिर, पाँच मंदिरों का एक समूह है। ये राजस्थान के सिरोही जिले के माउंट आबू नगर में स्थित हैं। इन मंदिरों का निर्माण ग्यारहवीं और तेरहवीं शताब्दी के बीच हुआ था। [१][२] यह शानदार मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैं। दिलवाड़ा के मंदिरों में 'विमल वासाही मंदिर' प्रथम र्तीथकर को समर्पित सर्वाधिक प्राचीन है जो 1031 ई. में बना था।


बाईसवें र्तीथकर नेमीनाथ को समर्पित 'लुन वासाही मंदिर' भी काफी लोकप्रिय है। यह मंदिर 1231 ई. में वास्तुपाल और तेजपाल नामक दो भाईयों द्वारा बनवाया गया था। दिलवाड़ा जैन मंदिर परिसर में पांच मंदिर संगमरमर का हैं। मंदिरों के लगभग 48 स्तम्भों में नृत्यांगनाओं की आकृतियां बनी हुई हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियां मंदिर निर्माण कला का उत्तम उदाहरण हैं।समुद्र तल से लगभग साढ़े पांच हजार ऊंचाई पर स्थित राजस्थान की मरुधरा के एक मात्र हिल स्टेशन माउंट अबूप पर जाने वाले पर्यटकों, विशेषकर स्थापत्य शिल्पकला में रूचि रखने वाले सैलानियों के लिए इस पर्वतीय स्थल पर सर्वाधिक अकर्सन का केन्द्र वहां मौजूद तेलवाडा के प्राचीन जैन मंदिर है|
११वी और १३वी सदी के बिच बने संगमरमर के ये नकाशीदार जैन मंदिर के उत्कृष्ट नमूने है| पांच मंदिरो के इस नमूने में विमल वासाही टेम्प सबसे पुराना है| इन मंदिरों की अदभुत कारीगरी देखने योग्य है| अपने ऐतिहासिक महत्व और संगमरमर के पत्थर पर बारीक़ नकाशी की जादूगरी के लिए पहचाने जाने वाले राज के सिरोही जिले के इन विशवविखियत मंदिरो में शिल्प-सौंदर्य का येसा बेजोड खजाना है, जिसे दुनिया में अन्य और कही नहीं देखा जा सकता है|
देल्ही-अहमदनगर बड़ी लाइन पर अबू रेलवे-स्टेशन से लगभग २०मील दूर स्थित तेलवाडा के इन मंदिरों की भव्यता और उनके वस्तुकारो के भवन-निर्माण में निपुणता, उनकी सूक्ष्म पैठ और छेनी पर उनके असाधारण अधिकार का परिचय देती है| तेलवाडा में पंचो मंदिर की विशेषता यह है की उनकी छत, द्वार,तोरण,सभा-मंडपो पर उत्कृष्ट शिल्प एक दूसरे से बिलकुल भिन्न है| हर पत्थर और खम्बे पर नईं नक्साही संगमरमर पर जादूगरी की अनूठी मिसाल है| जिसे पर्यटक अपलक देखता ही रहता है| यहां की कला में जैन संस्कृति का बैभावो और भारतीय संस्कृति के दर्शक होते है|
पांच मंदिरों के समूह में दो विशाल मंदिर है और तीन उनके अनुपूरक मंदिर है| सभी मंदिरों का शिल्प सौंदर्य एक से बढकर एक है| मंदिरों के प्रकोष्ठो की छतों पर लटकते, झूमते, गुम्बज स्थान-स्थान पर गढ़ीसरस्वती, अम्बिका, लक्ष्मी, सर्वेस्वारी, पद्मावती, शीतला आदि देवियों की दर्शनीय छविया,शिल्पकारो की छेनी की निपुर्नता के साक्ष्य है| यहां उत्कीर्ण मूर्तियों और कलाकृतियों में सायद ही कोई येसा अंश हो जहाँ कलात्मक पूर्णता के चिन्ह न दिखते हो|
शिलालेखो और ऐतिहासिक अभिलेखों के अनुसार ६००-८०० ई० पू० में अबू नागा जनजाति का केन्द्र था| महाभारत में अबू का महर्षि वशिष्ट के आगम के रूप में उल्लेख है| जैन शिलालेखो के अनुसार जैन धर्म के परतिस्थापक भगवान महावीर ने भी इस प्रदेश लाभ और यहाँ के वासियों को आशीर्वाद दिया| तेलवाडा के जैन मंदिरों में सबसे बड़ा मंदिर विमल वासाही है| इस मंदिर का निर्माण गुजरात के चालुक्य राजा भीमदेव के मंत्री और सेनापति विमल शाह ने १०३१ ई० में पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी होने पर करवाया था| तें हजार सिल्पियो ने १४ वर्षों में इसे मूर्ति रूप दिया| इस मंदिर में कुल ५७ देविया स्थापित है जिनमे तीर्थकरो व अन्य देवी देवतावो के प्रतिमाएं स्थापित है|मंदिर के प्रत्येक दीवार, स्तम्ब, तोरण, छत, गुम्बद आदि पर बारीक़ नकाशी और प्रस्तर शिल्प का सौंदर्य बिखरा होवा है| मंदिर का सबसे उत्कृष्ट कला का भाग मंडप है| जिसके बारह अलंकृत स्तम्भों और तोरणों पर आश्रित एक विशाल गोल गुम्बज है| जिसमे हाथी, घोड़े,हंस, वाद् यंत्रो सहित नर्तागो के दल सहित शोभा यात्राओ की ग्यारह गोलाकार पक्तियां है| प्रत्येक स्तंभ के ऊपर की ओर कई प्रकार के वाहन पर आरुद सोलह विधा देतिपो की आकर्षक पतिमाए है|
९८ फीट लंबे और ४२ फीट चौड़े विमल वसाही मंदिर के निर्माण पर उस दौर में भी लगभग १९ करोड रुपये खर्च हुये| देलवाडा मंदिर समूह के दूसरे मंदिर लुवाद्शाई का निर्माण वस्तुपाल ओर गुजरात के सोलंकी राजा भीमदेव दुतिया के मंगी ओर उनके भाई तेजपाल ने १२३० में करवाया था|
इस अदितीय मंदिर में जेनियों के २२ वें तीर्थकर ने मिनाथ जी की मूर्ति स्थापित है| इस देवालये में देवरानी जेठानी के गोखड़े निर्मित है जिनमें भगवन आदिनाथ ओर शांतिनाथ की पतिमायं विराजमान है|
दोनों ही गोखड़े शिल्पियों की बेजोड कला के जीवंत प्रतीक है| इस मंदिर की परिक्रमा में ५० देवियाँ है| प्रत्येक देवरी की कला अदुतिया है|
देलवाडा मंदिर परीछेत्र में ही पीतल हर अर्देशवर मंदिर, खरतरसाही पाशवर्नाथ मंदिर और भगवन महावीर स्वामी मंदिर स्थित है| महवीर स्वामी मंदिर सबसे छोटा और बहुत सादा मंदिर है| इसका निर्माण १५८२ ई. में करवाया गया|
इसीप्रकार पीतल हर मंदिर का निर्माण गुजरात के भीमशाह ने संवत १३७४ ई. से १४३३ ई. के मध्य करवाया| बाद में सुंदर और गदा नामक व्यक्तियों ने इसका जीर्णोद्धारकरवाया इसमें ऋशभदेव की पञ्चधातु की मूर्ति स्थापित करवायी| पीतल से बनी मूर्ति का वजन १०८ मन (एक मन ४० किलो) और ऊँचाई ४१ इंच है| इसके अलावा यहाँ एक चोमुखी मंदिर भी है|
जिसे खारतवासी मंदिर कहा जाता है| इसमें पश्वरनाथ भगवन की मुर्तिया विराजमान है| तीन मंजिले इस मंदिर का निर्माण १५ वी. सदी के आस-पास माना जाता है| भूरे पत्थर से बना यह मंदिर अपने शिखर सहित देलवाडा सी सभी मंसिर में सबसे ऊँचा है| देलवाडा मंदिर समहू के पांच खेताम्बर मंदिर के साथ यहाँ भगवान कुथुनाथ ने यहाँ काले पत्थर का एक ऊँचा स्तंभ बनाया था| देलवाडा के मंदिर विस्मयकारी सुकोमल, सुंदर, और उत्क्रिस्ता से अलंकृत भारतीय शिल्पकला का मानव जाति को एक अनूठा उपहार है|

और विजेता है
शारदा अरोरा को विजेता बनने पर बहुत बहुत बधाई

इनके बाद सही जवाब देने वाले

विजय कर्ण

ओशो रजनीश

पहेली मे भाग लेकर हमारा उत्साहवर्धन करने वाले

सुज्ञ

गजेन्द्र सिंह

मानसी

M

Vikas Singh

बिग बॉस

एक नयी पहेली के साथ शनिवार सुबह दस बजे आपसे फ़िर मिलेंगे तब तक के लिये नमस्कार.


शनिवार, 23 अप्रैल 2011

पहेली - 1

आप सभी का स्वागत है एक नयी पहेली में,

नीचे दिखाये गये चित्र को ध्यान से देखिये और बताईये कि यह कौन सी जगह का चित्र हैं ?



जवाब देने का अन्तिम समय सोमवार शाम 07.00 बजे तक होगा।

कृपया पहेली मे पूछे गये चित्र के स्थान का सही सही नाम बतायें कि चित्र मे दिखाई गई जगह का नाम क्या है? उस राज्य का या शहर का नाम को अधूरा जवाब माना जायेगा। अपने जवाब के समर्थन में आप कोई लिंक देना चाहते है तो आप दे सकते है पर उसे आपका जवाब नहीं माना जाएगा जगह का नाम लिखने को ही जवाब माना जाएगा ।

जरुरी सूचना:-

टिप्पणी मॉडरेशन लागू है इसलिए समय सीमा से पूर्व रोचकता बनाये रखने के लिये ग़लत या सही दोनों ही तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते हैं अत: आपका जवाब आपको तुरंत यहां नही दिखे तो कृपया परेशान ना हों.

पहेली के लिए नियम इस प्रकार होंगे _


1- यह पहेली केवल मनोरंजन और थोडे बहुत ज्ञानवर्धन के लिये है। पहेली में आपके सामने एक चित्र होगा जो भारत में कहीं का भी हो सकता है।


2- आपको बताना होगा उस चित्र में दिख रहे स्थान का क्या नाम है और वो कहाँ पर स्तिथ है अर्थात उस राज्य का क्या नाम है। जरूरत होने पर हिंट भी प्रकाशित किया जाएगा।


3- पहेली का प्रकाशन हर शनिवार प्रातः 10.00 बजे किया जाएगा। जवाब देने का अन्तिम समय सोमवार शाम 07.00 बजे तक होगा।


4- पहेली के परिणाम की घोषणा मंगलवार शाम 7.00 बजे की जाएगी।


5- समयसीमा के बाद प्राप्त होने वाले जवाबो को प्रकाशित तो किया जाएगा पर परिणामो मे शामिल नहीं किया जाएगा।


6- आपका जवाब आपको यहां न दिखे तो कृपया परेशान ना हों। है, समयसीमा से पूर्व सही और गलत दोनों तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते है


7- टिप्पणी मॉडरेशन लागू है. समय सीमा से पूर्व रोचकता बनाये रखने के लिये ग़लत या सही दोनों ही तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते हैं.


8- यदि आप दिखाये गए चित्र के विषय मे कोई जानकारी रखते है तो अन्य पाठको से साझा करे


9- किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजक का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा


10- यदि आप किसी तरह का कोई सुझाव देना चाहते है तो आपका स्वागत है


एक नयी पहेली

ब्लॉग जगत के सभी मित्रो को नमस्कार

मित्रो इस ब्लॉग एक नयी पहेली शुरू की जा रही है जिसमे आप सभी लोग भाग ले सकते हैपहेली के लिए नियम इस प्रकार होंगे _

1- यह पहेली केवल मनोरंजन और थोडे बहुत ज्ञानवर्धन के लिये है। पहेली में आपके सामने एक चित्र होगा जो भारत में कहीं का भी हो सकता है।


2- आपको बताना होगा उस चित्र में दिख रहे स्थान का क्या नाम है और वो कहाँ पर स्तिथ है अर्थात उस राज्य का क्या नाम है। जरूरत होने पर हिंट भी प्रकाशित किया जाएगा।


3- पहेली का प्रकाशन हर शनिवार प्रातः 10.00 बजे किया जाएगा। जवाब देने का अन्तिम समय सोमवार शाम 07.00 बजे तक होगा।


4- पहेली के परिणाम की घोषणा मंगलवार शाम 7.00 बजे की जाएगी।


5- समयसीमा के बाद प्राप्त होने वाले जवाबो को प्रकाशित तो किया जाएगा पर परिणामो मे शामिल नहीं किया जाएगा।


6- आपका जवाब आपको यहां न दिखे तो कृपया परेशान ना हों। है, समयसीमा से पूर्व सही और गलत दोनों तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते है


7- टिप्पणी मॉडरेशन लागू है. समय सीमा से पूर्व रोचकता बनाये रखने के लिये ग़लत या सही दोनों ही तरह के जवाब प्रकाशित किए जा सकते हैं.


8- यदि आप दिखाये गए चित्र के विषय मे कोई जानकारी रखते है तो अन्य पाठको से साझा करे


9- किसी भी तरह की विवादास्पद परिस्थितियों मे आयोजक का फ़ैसला ही अंतिम फ़ैसला होगा


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